बल और गति के नियम
• बल--- वह धक्का या खिचाव जो किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन कर देता है, उसे बल कहते हैं।
• बल का SI मात्रक न्यूटन होता है।
• संपर्क बल--- वे बल जो वस्तुओ के संपर्क में आने के कारण कार्य करते हैं, संपर्क बल कहलाते हैं। जैसे, बैलों के द्वारा बैलगाड़ी खींचना, घर्षण बल इत्यादि।
• असंपर्क बल--- वे बल जो वस्तुओं के संपर्क में आते बिना कार्य करते हैं, असंपर्क बल कहलाते हैं। जैसे, गुरुत्वाकर्षण बल, चुम्बकीय बल, इत्यादि।
• संवेग--- किसी भी वस्तु का संवेग , उसके द्रव्यमान एवं वेग का गुणनफल होता है तथा इसका दिशा वही होता है जो वस्तु के वेग की होती है।
• इसका SI मात्रक Kgms-1 होता है।
• गति का प्रथम नियम--- वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा पर एक-समान। गति की अवस्था में तब तक बनी रहती है,जब तक उसपर कोई असंतुलित बल कार्य न करें।
• जडत्व--- वस्तुओं द्वारा अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध करने की प्रवृत्ति को जडत्व कहते हैं।
• किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जडत्व की माप है। इसका SI मात्रक किलो ग्राम है।
• घर्षण बल हमेशा वस्तु की गति प्रतिरोध करता है।
• गति का द्वितीय नियम--- किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर वस्तु वस्तु पर आरोपित असंतुलित बल के समानुपाती एवं बल की दिशा में होती हैं।
• गति का तृतीय नियम--- प्रत्येक क्रिया के समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है। ये दो विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है।
• आवेग--- किसी पिंड पर लगने वाला बल तथा वह समयांतराल जिसमें वह बल पिंड पर आरोपित रहा हो, इन दोनों के गुणनफल को आवेग कहते है। जैसे , तेज गेंद का कैच लेना।
• इसे 'I' से प्रदर्शित करते हैं।